क्या आप को पता है Muslim dharm kitna purana hai यदि नहीं तो चले जानते है
इस्लाम एक प्रचलित धर्म है, विश्व की कुल जनसँख्या में लगभग 24 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म का पालन करते है और भारत में यह हिन्दू धर्म के बाद दूसरा सबसे प्रचलित धर्म है और लगभग 14 प्रतिशत भारतीय मुस्लिम धर्म का अनुसरण करते है
हमारे दिमाग में इस धर्म से जुड़े 2 सवाल सामने आते है एक यह धर्म कब शुरू हुआ और इस धर्म की स्थापना कैसे हुई, जिसके बारे में विस्तार में जानकारी हम इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे !
कुरान को मुस्लिमों का पवित्र ग्रन्थ कहा जाता है, कहा जाता है की इस किताब में अल्लाह के शब्द है
जिसे पैगम्बर मुहम्मद को एंजेल गेब्रियल के माध्यम से बताया गया था, इस्लाम धर्म कुरान पर ही आधारित है, कुरान में ही इस्लाम धर्म के मूल सिद्धांत शामिल है जैसे विशवास, नैतिकता, क़ानून आदि
Muslim Dharm Kitna Purana Hai
माना जाता है की इस्लामिक धर्म सबसे पुराना धर्म है यह शुरू से मौजूद है !
इसकी उत्पत्ति मक्का और मदीना में 7 वी शताब्दी के शुरुआत में हुई थी, कुछ जगह तो यह भी लिखा है की आदम जो की पहले इंसान से वह मुस्लिम धर्म के पहले धारक थे
सरल शब्दों में कहे तो इस्लाम धर्म की स्थापना पैगम्बर मुहम्मद के द्वारा 7 वीं शताब्दी में की गई थी, कहा जाता है की स्वर्गदूत गेब्रियल ने पैगम्बर मुहम्मद को अल्लाह का संदेश दिया था जिसके बाद इन्होने मुस्लिम धर्म का प्रचार शुरू कर दिया
मुहम्मद को अंतिम पैगम्बर भी माना जाता है, यह भी कहा जाता है की लगभग 613 ईस्वी से इन्होने मुस्लिम धर्म का प्रचार करना शुरू किया
बहुत से लोगो का ऐसा मानना भी है की इस्लाम आजसे करीब 1400 साल पुराना धर्म है !
यानी की इस्लाम इस दुनिया में सिर्फ 1400 साल पहले आया है और उससे पहले इस दुनिया में कोई मुसलमान नही था
पर जब हम इस्लाम के बारे में और गहराई से जानते है तो हमें पता चलता है की इस्लाम इस दुनिया में 1400 साल पहले नही आया
बल्कि इसकी शुरुआत दुनिया के शुरुआत के साथ ही हो गई थी, दुनिया के पहले आदमी हजरत आदम से लेकर पैगम्बर मुहम्मद तक जितने भी नबी थे सब मुसलमान ही थे
बाद में इन नबियों ने नए धर्म की स्थापना की या अपना धर्म बदल लिया पर ऐसा माना जाता है की पहले यह सब मुसलमान ही थे और एक अल्लाह के होने का दावा करते थे
इस्लाम धर्म का इतिहास
इतिहासकारों के अनुसार से इस्लाम धर्म की उत्पत्ति मक्का और मदीना में 7 वीं शताब्दी ईस्वी में हुआ था, आदम से लेकर मुहम्मद तक सबको इस्लाम धर्म का माना जाता है ! और मुहम्मद द्वारा ही मूल इस्लाम की स्थापना की गई है
उस समय लोग अल्लाह के साथ साथ उनकी तीन बेटियों की भी पूजा करते थे जिनके घर मक्का के आस पास ही थे, जिनके नाम अल-लात, अल- उज्जा और मनात थे, इस्लाम धर्म कितने साल पुराना है इसकी बहुत सी अवधारणाएं है
फिर धीरे धीरे करके अल्लाह का उपदेश मुहम्मद साहब द्वारा दिया जाने लगा और इस बात को माना जाने लगा की अल्लाह एक है, पैगम्बर मुहम्मद ने अपना पूरा जीवन अल्लाह और इस्लाम को दे दिया
उन्ही की वजह से इस्लाम आज इतना मजबूत और विख्यात है, इस्लाम की धार्मिक किताब कुरान भी इन्ही के द्वारा प्रस्तुत की गई जिसके ऊपर आज पूरा इस्लाम धर्म आधारित है
पैगम्बर मुहम्मद कौन थे
इन्हें इस्लाम का संस्थापक भी कहा जाता है ” और यह आख़री पैगम्बर थे, इन्ही के द्वारा अल्लाह के शब्दों को कुरान में दर्ज किया गया है, कहा जाता है की इन्हें अन्य पैगम्बरों जैसे आदम, मूसा ईसा, इब्राहीम आदि पैगम्बरों की पहचान और इनके जीवन परिचय और इनके द्वारा दिए गए उपदेश को देने आए थे
इस्लाम के हर पवित्र किताब में इन्हें इस्लाम का आख़री पैगम्बर कहा गया है, यह तो हम आपको बता ही चुके है की एक फ़रिश्ते जिसे गैब्रियल कहते है उसने मुहम्मद द्वारा अल्लाह के वचन लोगो तक पहुचाएं थे जोकि कुरान में दर्ज है
मुहम्मद का जन्म 570 ई में हुआ था और बहुत छोटी सी ही उम्र में यह अपने माता पिता से बिछड़ गए थे क्योंकि जब यह 6 साल के थे तब इनके माता पिता का देहांत हो गया था
यह अपने चाचा चाची की देख रेख में बड़े हुए, और वह ईश्वर की प्रार्थना में लीन रहते थे वह पर्वतों पर घंटों अल्लाह की प्रार्थना करते, और ऐसा करते करते 40 साल बीत गए
40 साल की उम्र में उन्होंने हिरा पर्वत की गुफा में जिब्रील अलै. को देखा, यही पर इन्हें अल्लाह से अपना सबसे पहला इल्हाम प्राप्त हुआ
करीब तीन साल बाद इन्होने यह बोलना शुरू कर दिया की अल्लाह एक है और साथ में अल्लाह का प्रचार करना भी शुरू कर दिया, ऐसे ही धीरे धीरे करके यह इस्लाम को स्थापित करते गए
786 ओम का एक रूप है
हिन्दू धर्म को सबसे पुरातन धर्म माना जाता है !
और कहा जाता है की और सभी धर्म इसी धर्म से बने है और हिन्दू धर्म एक आज़ाद धर्म है जिसमे करोडो देवी देवताओं का उल्लेख मिलता है
मुख्य रूप से हिन्दू धर्म में तीन देवता है, शिव, विष्णु, ब्रम्हा और कहा जाता है की एक शब्द ॐ से इन तीनो की उपासना की जा सकती है, और एक ॐ शब्द में बहुत से अर्थ छिपे हुए है
भले ही हिन्दू और मुस्लिम धर्म अलग अलग है पर मुस्लिम धर्म भी कहता है की ईश्वर एक है और हिन्दू धर्म के एक भगवान् साईं भगवान् का भी कहना है की सबका मालिक एक है
बहुत सी ऐसी मान्यताएं है की मुस्लिमों का 786 भी ॐ का भी एक रूप है
786 क्या है
मुस्लिमों के लिए यह नंबर बहुत पवित्र माना जाता है और मुस्लिमों के घरों और मस्जिदों में अक्सर आपकों यह नंबर देखने को मिल जाएगा अब सवाल यह आता है की क्या है ऐसा इस नंबर में की मुसलमान इसको इतना ख़ास मानते है
इस नंबर का मतलब होता है बिस्मिल्लाह, 789 को पूरा अर्थ बयान करे तो इसका पूरा अर्थ होता है बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम
अब सवाल यह आता है की इस शब्द का क्या मतलब होता है तो आपको बता दे की इन शब्दों का अर्थ होता है अल्लाह के नाम से शुरू, यानी किसी चीज़ या काम कमो अल्लाह के नाम से शुरू करना
जैसे हिन्दुओं में गणेश भगवान् के स्मरण और उनकी पूजा को किसी भी काम को करने से पहले करना शुभ माना जाता है
वैसे ही मुस्लिमों के लिए यह शब्द ईश्वर का आश्रीर्वाद अर्थात किसी भी चीज़ की ईश्वर के नाम से शुरुआत को दर्शाता है
कुरआन के बारे में जानकारी
यह मुसलमानों की पाक किताब है यह इसे अल्लाह का भेजा संदेशा मानते है और इस किताब के अनुसार अपने धर्म का अनुसरण करते है
कहा जाता है की फ़रिश्ते जिब्रईल अलैहिस्सलाम ने मुहम्मद को यह सुनाया था जिसका मुहम्मद ने मौखिक रूप से इस्लाम धर्म के इतिहास का प्रचार किया था उसके साथ ही कुरआन का इतिहास भी जुड़ा है
सन 653 में मुहम्मद के स्वर्गवास के बाद इसे पहली बार लिखा गया और इसे मानकीकृत करके इसकी बहुत सी प्रतियां बना के मुस्लिमों में बाँट दी गई थी
कहा जाता है की इस किताब में अल्लाह के शब्द लिखे हुए है और इसकी शुरुआत सबसे पहले मनुष्य आदम से हुई थी और आख़री पैगम्बर मुहम्मद तक की जानकारी इसमें दी हुई है
इस्लाम धर्म क्या है और इसका अनुसरण कैसे करना है सब इसी किताब में लिखा हुआ है, कुरआन पूरे 23 साल में वही के माध्यम से अवतरित हुआ है
यह अल- फातिहा पर शुरू होता है और सूरह अन निसा पर ख़त्म होता है, कुरआन में कुल 6236 छंद है और कुल 77439 वाक्य लिखे हुए है, यह 30 भागों में बंटा हुआ है और इसके कुल 114 अध्याय है
इस्लाम के पांच मूल स्तंभ
इस्लाम धर्म को मानने के लिए इन पांच चीजों का अनुसरण करना आवश्यक है
1) शहादा
इसका अर्थ यह होता है की अल्लाह के इलावा वह किसी और भगवान् या इंसान या वस्तु का कीसी भी चीज़ को नही मानेंगे, वह सिर्फ अल्लाह की इबादत करेंगे
इसमें गवाही देना होता है की अल्लाह के इलावा कोई और पूजने या इबादत करने के लायक नही है, जो भी यह धर्म मानता है उसे अल्लाह पे भरोसा होना चाहिए और यह भी भरोसा होना चाहिए की अल्लाह के इलावा और कोई पूजनीय नही है
2) नमाज़
नमाज पढना इस धर्म में सबसे ज़रूरी माना जाता है, उस मुसलमान को मुसलमान नही कहेंगे जो नमाज़ न पढता हो, दिन में 5 बार नमाज़ पढने का नियम है
नमाज़ पढ़ते समय शरीर का साफ़ होना आवश्यक है |
जो कपडे व्यक्ति ने धारण किये है वह कपडे भी साफ़ होने चाहिए |
जिस समय नमाज़ पढ़ रहे है वह नमाज़ पढने का वक्त होना चाहिए |
क़िबला की तरफ मुह करके जिस वक्त की नमाज़ है उसको पढ़ा जाता है |
अल्लाह हु अकबर कहते हुए नमाज़ को खत्म करना |
पांच फ़र्ज़ की नमाज़ इस प्रकार है
फज़र की नमाज़ |
ज़ोहर की नमाज़ |
असर की नमाज़ |
मगरिब की नमाज़ |
ईशा की नमाज़ |
3) रोज़ा
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौंवे महीने रमजान रखा जाता है यह पूरा महिना ही रमजान का होता है, रोज़ा रखने की शुरुआत दूसरी हिरजी में हुई थी
कहा जाता है की अल्लाह ने 50 दिन का रोज़ा रखने का हुकुम दिया था पर मुहम्मद ने अल्लाह से गुज़ारिश की कि इतना लम्बा रोज़ा मुसलमान रख नही पाएंगे जिसके बाद अल्लाह ने 30 दिन का रोज़ा रखने का फरमान किया
कहते है की जिनका रोज़ा रखने का फ़र्ज़ है यदि वह लोग रोज़ा नही रखते तो यह पाप होता है, हर बालिक मर्द औरत को रोज़ा रखना ज़रूरी है, यदि वह ऐसा नही करते तो उन्हें गुनाहगार माना जाता है
वृद्ध, बीमार और बच्चे चाहे तो रोज़ा न रखे उनको रोज़ा रखने की कोई पाबंदी नही है वह अपने मर्ज़ी के हिसाब से रोज़ा रख सकते है और चाहे तो न भी रखे
4) ज़कात
यह मुसलमानों के इस्लाम के मूल पांच सतम्भों में से सबसे अच्छा स्तम्भ है, क्योंकि इससे और लोगों का भी भला होता है, इसमें अल्लाह ने जितनी दौलत दी है उसका कुछ इस्सा गरीबों को देना होता है
चाहे गरीब हो या अमीर अपनी इच्छा अनुसार अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीबों को देना नियम है और कुरआन में लिखे हर नियम का अनुसरण करना मुसलामानों के लिए आवश्यक है
5) हज
यह सबसे आखरी सिद्धांत है और एक ज़रूरी स्तम्भ है जिसपे मुस्लिम धर्म टिका हुआ है, इसके अनुसार हर मुसलमान को अपने जीवन काल में एक बार तो मक्का शरीफ हज करने जाना ही चाहिए
कहा जाता है की यदि अल्लाह ने आपको यह नेक ज़िन्दगी और कामयाबी, बरकत दी है तो हज करने मक्का शरीफ जाना लाजमी है
सबसे पुराना धर्म कौनसा है
सबसे पुराना धर्म हिन्दू धर्म ही है !
और यह कितना पुराना है इसका कोई प्रमाण नही है पर यह प्रमाणित है की यह धर्म सबसे पुराना धर्म है और जितने भी धर्म है वह इसी धर्म की शाखाएँ है
हिन्दू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ है जो जीवन और जीवन से पहले और बाद की घटना को बताते है, हमारे हिन्दू धर्म में रामायण और गीता जैसे महान पुस्तके भी है
जो हमारे इतिहास को बताती है हमारे मुख्य चार ग्रन्थ है :
ऋग्वेद | यजुर्वेद |
सामवेद | अथर्ववेद |
हिन्दू ग्रंथो से भारत के ही नही बाहर के देश के लोग भी प्रभावित है बहुत सी ऐसी चीजों जो विज्ञान आज जान पाया है वह हमारे ग्रंथों में पहले से मौजूद है
FAQ :
सवाल : कौन सा धर्म पुराना है हिन्दू या इस्लाम?
इतिहासकारों के अनुसार हिन्दू धर्म सब से पुराना है
सवाल : क्या इस्लाम 2000 साल पुराना है?
इस्लाम 7 वी शताब्दी से मौजूद है, और बहुत सी ऐसी मान्यताएं भी है की आदम जो पहले इंसान थे वह भी मुस्लिम थे
सवाल : पहला हिंदू भगवान कौन था?
त्रिमूर्ति जिसमे शिव, विष्णु और ब्रम्हा आते है, और ऐसा भी कहा जाता है की इस पूरी दुनिया को माता ने बनाया है जोकि इन तीनो देवताओं से भी ऊपर है
सवाल : कौन से धर्म बढ़ रहे हैं?
मुस्लिम धर्म तेज़ी से बढ़ रहा है
Conclusion
आज हम ने जाना Muslim Dharm Kitna Purana Hai और समझा की मुस्लिम (Islam) धर्म बहुत ही प्राचीन धर्म है जिसे कि कुछ बड़े इतिहासकारों ने अपनी अनुसंधानों के माध्यम से प्रमाणित किया है।
हम यह भी जानते हैं कि मुस्लिम धर्म एक व्यापक धर्म है जो दुनियाभर में फैला हुआ है। इसके अनुयायी बहुत ही विविध हैं जो भूमध्य सागर से लेकर दक्षिण एशिया तक के क्षेत्रों में हैं।
इस लेख के माध्यम से, हमने मुस्लिम धर्म की इतिहास, प्राचीनता, उसके महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की है।
हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख से आपको मुस्लिम धर्म के विषय में जानने का अवसर मिला होगा हमें आशा है की आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा !
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