Hawa Mahal Kaha Hai | हवा महल कहाँ स्थित है

क्या आप को पता है Hawa Mahal Kaha Hai यदि नहीं तो जानिए भारत अनेक मंदिरों, तीर्थ स्थलों और प्राचीन इमारतों का देश है

यहां बहुत से अद्भुत, प्राचीन और अत्यंत सुंदर स्थल और प्राचीन काल की बहुत सी इमारतें हैं जो की हमारे भारत देश की सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं

प्राचीन काल से ही यहां अनेक महलों, इमारतों और मकबरों का निर्माण और वर्तमान में उनका पुनरुत्थान तथा नवीनीकरण होता आया है और तो और भारत का राज्य राजस्थान अजूबों का राज्य है

भारत के राज्य राजस्थान में बहुत से प्राचीन और मनोरम स्थल जैसे : 

जयपुर का जंतर-मंतर, सिटी पैलेस,
उदयपुर, हवा महल,
माउंट आबू में स्थित दिलवाड़ा के जैन मंदिर, नाहरगढ़ किला,
सनसेट प्वाइंट, चोखी धानी,
आमेर किला, जूनागढ़ किला

आदि राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं

हवा महल इनमे से ही एक प्राचीन इमारत है जो अत्यंत आकर्षक एवम  सुंदर है जो अपने प्रभावशाली बाहरी हिस्से के लिए जाना जाता है

यह महल महाराजा सवाई प्रताप सिंह जी द्वारा राजस्थान के जयपुर शहर जिसे गुलाबी शहर (Pink City भी कहा जाता है) मे1799 में बनवाया गया है

इस महल की सुंदरता को देखने बहुत दूर-दूर के स्थानों से लोग यहां पर्यटन के लिए आते हैं हवा महल की वास्तुकला,आंतरिक संरचना, इसका इतिहास और कारीगरी आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे 

 

Hawa mahal kaha hai | हवा महल कहा है 

 

hawa mahal

राजस्थान की राजधानी जयपुर 

हवा महल भारत के राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है राजस्थान की राजधानी को पिंक सिटी भी कहा जाता है

महल को अंग्रेजी में “The palace of Winds” या “The palace of Breezes” भी कहते हैं, जो भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 300 किलोमीटर दूर जयपुर में स्थित है

 

हवा महल का इतिहास 

जैसा कि हम जानते हैं कि हवा महल कछवाहा राजपूत शासक महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा 1799 में बनवाया गया था

जब महाराजा ने राजस्थान के झुंझुनू में खेतड़ी महल की संरचना को देखा तो वे उससे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इस विषय पर एक महल बनाने का फैसला किया

 

Sir Pratap Singh

 

हवा महल को हवा का महल भी कहा जाता है, हवा महल की 5 मंजिला संरचना लालचंद उस्ताद द्वारा सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में डिजाइन की गई थी ! सिटी पैलेस के किनारे से शुरू होकर हवामहल महिलाओं के कक्षों उर्फ जनाना तक फैला हुआ है

उन दिनों पर्दा प्रथा बहुत ज्यादा प्रचलित थी और शाही घराने की महिलाओं को अजनबियों के सामने सार्वजानिक रूप से प्रकट होने की अनुमति नहीं थी

 

हवा महल में कितनी खिड़कियाँ है 

हवामहल में 953 खिड़कियां हैं जो पहले की महिलाओं को सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए बिना नीचे की सड़क पर होने वाली रोज की दिनचर्या की गतिविधियां और उत्सवों की झलक पाने में सक्षम बनाती थी इस प्रकार हवा महल भारतीय इतिहास के राजपूतों की एक अद्भुत देन है

 

हवा महल की वास्तुकला

जब हवा महल तैयार हुआ तो उसकी भीतरी और बाहरी सुंदरता देखते बनती थी इसकी वास्तुकला उत्कृष्ट नमूने से तैयार की गई है, हवामहल एक अत्यंत अद्भुत इमारत है जिसमें मुगल और राजपूत शैली का अनूठा मिश्रण है

इस उत्कृष्ट नमूने के वास्तुकार लालचंद उस्ताद थे कहा जाता है कि महाराज सवाई प्रताप सिंह श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे, उनकी यह भक्ति महल के ढांचे से प्रतीत होती है

 

hawa mahal design

 

जो कि भगवान श्री कृष्ण के मुकुट के समान दिखाई देता है !

हवा महल में झरोकों और खिड़कियों का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि गर्मियों के समय में ठंडी हवा महल में आराम से प्रवेश कर सके और पूरे महल को ठंडा रख सके

इस तस्वीर से आप नज़दीक से इसकी वास्तुकला देख सकते है हवा महल में ऊपरी मंजिलों पर जाने के लिए कोई भी सीढ़ी नहीं है

चढ़ाई के लिए ढलान नुमा रैम्प बना हुआ है यह 5 मंजिला एक स्मारक है

जिसकी अपने आधार से ऊंचाई 87 फीट (26.15m) है महल के सामने का हिस्सा सामने की मुख्य सड़क से आसानी से देखा जा सकता है

यहां की छोटी खिड़की पर बलुआ पत्थर की बेहद आकर्षक और खूबसूरत नक्काशीदार जालियां,कंगूरे और गुंबद बने हुए हैं,

यह बेजोड़ इमारत अपने आप में अनेकों अष्टभुजाकार झरोखों को समेटे हुए है जिस वजह से यह दुनिया भर में बेमिसाल है,

इमारत के पीछे की ओर के भीतरी भाग में अलग-अलग आवश्यकता के अनुसार कक्ष बने हुए जिनका निर्माण बहुत कम अलंकरण वाले  खंभों या गलियारों के साथ किया गया है

सिटी पैलेस की ओर से हवा महल में  शाही दरवाजे से प्रवेश किया जाता है यह विशाल आंगन में खुलता है

जिसके तीनों ओर दो मंजिला इमारतें हैं और पूर्व की ओर भव्य हवा महल स्थित है इस आंगन में पुरातत्व संग्रहालय भी है यह महल महाराजा जय सिंह का विश्राम करने का सबसे पसंदीदा स्थान था !

क्योंकि इसकी आंतरिक संरचना बेहद खूबसूरत है अब तो आप जान ही गये होंगे की ‘हवा महल’ कहाँ स्थित है? आइये इसके बारे में ज़रुरत की सब चीज़ें जानते है

 

इस महल को हवा महल क्यों कहा जाता है 

इस महल में 953 छोटे-छोटे झरोखे खिड़कियों के होने के कारण बाहर से ठंडी ठंडी हवा अंदर प्रवेश करती है जो की पूरी इमारत को शीतल रखती है हवा महल का नाम यहां की पांचवीं मंजिल से पढ़ा जिसे हवा मंदिर कहा जाता है

 

हवा महल का आकार वा रंग  

हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पत्थरों से बना है जिसके कारण यह और भी अद्भुत दीखता है इसके पत्थरों के रंग के कारण यह कुछ इस प्रकार दीखता है

हवा महल की पाँच मंजिले पिरामिड के आकार में बनी हुई है जो उसकी ऊँचे आधार से 50 फ़ीट बड़ी है हवा महल की संरचना को भगवान श्री कृष्ण के राजमुकुट के आकार का बनाया गया है

हवा महल के खिड़कियों की जाली चेहरे पर लगे परदे का काम करती थी हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पत्थरो से बनाया गया है जो की देखने में में अत्यंत मनमोहक लगता है 

 

हवा महल का नवीनीकरण 

इस महल की देखरेख राजस्थान सरकार का पुरातात्विक विभाग करता है

करीब 50 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद 2005 में बड़े स्तर पर इस महल की मरम्मत और नवीनीकरण किया गया इस नवीनीकरण में लगभग 45679 लाख रुपए का खर्च आया

बहुत से ट्रस्ट प्राचीन इमारतों के रख रखाव के लिए आगे आकर उनकी मरम्मत और नवीनीकरण में अपना योगदान दे रहे हैं जिनमें से एक यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (Unit trust of India) है जिसने इस महल की देख रेख को जिम्मेदारी संभाली है 

 

हवा महल घूमने जाने का सर्वश्रेष्ठ समय

सर्दियों का मौसम जयपुर में घूमने के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ समय है नवंबर की शुरुआत से फरवरी के बीच तक सबसे अधिक संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं

इस समय में मौसम भी सुहाना होता है और सुहाने मौसम के साथ-साथ आप यहां और भी कई प्राचीन इमारतों की यात्रा सुकून से कर पाएंगे हवा महल घूमने जाने का समय सुबह 9:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक है

सुबह के समय इस महल को देखने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि जब सूर्य की किरणें इस महल पर पड़ती है तो उसकी सुंदरता देखते बनती है

इस समय का नजारा इस महल को अत्यंत सुंदर और भव्य रूप देता है शुक्रवार को हवा महल म्यूजियम बंद रहता है इसलिए शुक्रवार को छोड़कर अन्य किसी भी दिन आप वहां घूमने जा सकते हैं

 

हवा महल टिकट प्राइस

हवा महल की एंट्री फीस भारतीयों के लिए ₹50 और विदेशियों के लिए ₹200 है आप यहां कंपोजिट टिकट भी खरीद सकते हैं जो 2 दिनों के लिए वैलिड रहेगी इस टिकट की कीमत भारतीयों के लिए ₹300 और बाहर के लोगों के लिए ₹1000 रखी गई है

टिकट की मदद से आप 2 दिन तक हवा महल और उसके आसपास के मौजूद अन्य दर्शनीय स्थलों पर भी घूम सकते हैं यदि आप हवा महल के अंदर की तस्वीरें खींचना चाहते हैं

 

hawa mahal ticket

 

और इसके लिए कैमरा साथ ले जाना चाहते हैं तो आपको एंट्री फीस के अलावा अलग से ₹10 चार्ज देना होगा जो विदेशियों के लिए ₹30 हैं हवा महल के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए वहां बहुत से लोकल गाइड उपलब्ध होते हैं

अतः यदि आपको उपयुक्त जानकारी है तो आप हवा महल अच्छे से घूम सकते हैं

 

हवामहल यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें 

यदि आप वहां शांतिपूर्ण और बिना किसी भीड़भाड़ के घूमना चाहते हैं तो सुबह समय से जाएं क्योंकि अगर आप दोपहर के बाद हवा महल में पहुंचेंगे तो आपको भीड़ मिल सकती है इस प्रकार आप वहां आराम से रुक कर उसकी सुंदरता का अनुभव नहीं कर पाएंगे इसलिए बेहतर रहेगा यदि आप सुबह के समय जाएंगे
हवा घर में सीढ़ियां ना होने के कारण यहां ऊपर की मंजिल पर पहुंचने के लिए चढ़ान है इसलिए आरामदायक फुट वेयर ही पहनें
हवा महल जाते वक्त अपने साथ पानी की बोतल अवश्य लेकर जाएं
हवा महल की लंबाई 87 फीट ऊँचा है पर यहां  की दीवारें बहुत छोटी हैं इसलिए सावधानी बरतें और सभी नियमों का पालन करें
हवा महल के आसपास आप सिटी पैलेस, जंतर मंतर, राम निवास गार्डन चांदपुर, गोविंद जी मंदिर और अन्य स्थलों पर भी घूम सकते हैं

 

पर्यटन से संबंधित तथ्य 

इस महल के बारे में एक अत्यंत दिलचस्प बात ये है कि ये इमारत बिना किसी ठोस नींव के रखी गई है, हवा महल भले ही दुनिया के गंगनचुंबी इमारतों में से एक न हो पर ये महल बिना किसी ठोस नींव की लंबी इमारतों में से एक कहलाता है
 यह महल जयपुर शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित है,राजस्थान का ये जयपुर शहर भारत के समस्त शहरों से हवाई मार्ग, जल मार्ग, सड़क मार्ग वा वायु मार्ग से जुड़ा हुआ है जिससे पर्यटकों को आने जाने में असुविधा नहीं होती तथा वे आसानी से यहां आ जा सकते हैं
हवा महल में आप सामने से प्रवेश नहीं कर सकते क्योंकि इस महल में सामने से प्रवेश की व्यवस्था नहीं है अतः महल में प्रवेश करने के लिए आपको दाईं या बाईं ओर से जाना होगा वहां से आप महल के पिछले हिस्से से महल में प्रवेश कर सकेंगे

 

हवा महल के विषय में अन्य रोचक तथ्य

हवा महल में कुल पांच मंजिलें हैं और आज भी यह महल अपनी जगह पर 87° के एंगल में खड़ा है 
यह महल विशेषतः जयपुर के राज घराने की औरतों के लिए बनवाया गया था इस महल को बनाने का मुख्य उद्देश्य शाही महल की औरतों को बाज़ार और  महल के बाहर हो रहे उत्सवों को दिखाना है 
यह महल एकमात्र ऐसा महल है जिसमे राजपूत और मुगल कला का मिश्रण है
बहुत बार हमें जयपुर की शान हवा महल कहा है यह सवाल पूछा जाता है तो इसका सीधा सा जवाब है की यह पिंक सिटी में है और पिंक सिटी तो राजस्थान की राजधानी को कहा जाता है
जयपुर के अधिकतर शाही लोग इस महल का उपयोग गर्मियों में आश्रयस्थल के रूप में करते हैं
हवा महल की पांच मंजिलें पिरामिड के आकार की बनी हुई हैं, जो ज़मीन से 5 फीट ऊंची हवा महल गुलाबी और लाल रंग के पत्थरों से बनाया गया है जो कि उसकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है
भगवान श्री कृष्ण के मुकुट जैसे इस पांच मंजिला इमारत में 953 झरोखे हैं जो मधुमक्खियो के छत्तों से मिलते जुलते हैं,जो राजपूतों की समृद्धि ,विरासत का अहसास दिलाते हैं

 

FAQ :

सवाल: कहा है हवा महल

जयपुर (राजस्थान) में हवा महल स्थित है

सवाल: हवा महल में कितनी खिड़कियां हैं 

हवा महल में कुल मिला के 953 खिड़कियां है

सवाल: हवा महल का निर्माण किसने करवाया 

इसका निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा किया गया था

सवाल: हवा महल के वास्तुकार कौन थे 

इस सुंदर सी वास्तुकला के वास्तुकार लाल चंद उस्ताद थे

सवाल: हवा महल में कितनी मंजिलें हैं 

हवा  महल में कुल 5 मंजिलें है

 

Conclusion 

इस लेख में हमने हवा महल के बारे में, उसके इतिहास और उसकी वास्तुकला के बारे में और हवा महल से जुड़ी आवश्यक चीजें जानने की कोशिश की है जो की हवा महल घूमने जाने वाले लोगों के लिए लाभदायक हो सकती हैं

इसके अलावा हम ने जाना हवा महल अपने गुलाबी रंग की बालकानियों और जालीदार खिड़कियों के लिए लोकप्रिय है यह महल एकमात्र ऐसा महल है

जिसमे मुगल और राजपूत कला शैली का एक अनूठा मिश्रण है इस प्रकार हवा महल राजस्थान में स्थित एक बहुत ही आकर्षक स्थल है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है

हमे उम्मीद है की आप को Hawa Mahal kaha Hai यह पता चल चूका होगा ” और वही आप को हवा महल से जुडी रोचक जानकारी भी पसंत आयी होगी !

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यदि इस लेख संबंधित किसी भी तरह का सवाल यदि आप के मन में है तो निचे कमेंट में पूछे ! जिसका जवाब देने की हम पूरी कोशिश करेंगे ! इस लेख को शुरवात से आखिर तक पढ़ने के लिए आप सभी का दिल से शुक्रिया

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