जीवन में हर किसी के जिंदगी में एक समय तो ज़रूर आया होगा जहा लोगों ने Sacha Dharm konsa Hai इसके बारे में जानने की कोशिश की होगी !
वही कही लोगों के मन में सच्चा धर्म और बड़ा धर्म जैसे तमाम सवाल मन में अक्सर आते रहते है जिनका जवाब वे ढूंढना चाहते है लेकिन इसका सटीक जवाब मिल नहीं पाता है !
हमे पूरा यकीन है इस लेख के ख़त्म होने तक आपको अपने सारे सवालों के जवाब मिल जाएँगे तथा अगर आपको इन सबके बारे में कोई उलझन होगी तो यकीनन यह भी स्पष्ट हो जाएगा
हम उस धर्म को अपना लेते है जो हमारे माता पिता का होता है | पर हम कभी भी नही समझ पाते की यह धर्म की जरूरत क्यों है और क्यों हर किसी को कोई न कोई धर्म चुनना ही पड़ता है ?
धर्म से जुड़े कही सारे सवाल और जवाब के बारे में आज इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे !
परंतु सब से पहले अन्य धर्मों के बारे में थोडा जान लेते है इसके पश्चात् हम यह अच्छे से समझ पाएँगे की “कौन सा धर्म सच्चा है
आज हम ने इंटरनेट की खोज कर सनातन, हिन्दू, जैन, ईसाई, इस्लाम जैसे तमाम धर्म में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ (Expert) के अनुसार दुनिया में सबसे Sacha Dharm कौन सा है ! यह जानने की कोशिश की है !
और यही सभी जानकारी और अनुभवी लोगों की इस विषय पर राय के अनुसार आज हमे जो भी जानकारी प्राप्त हुइ है वही सभी जानकारी हम आप के साथ साझा करने का प्रयास करेंगे
यदि आप भी इंटरनेट पर दुनिआ का सब से सच्चा धर्म कौनसा है यह खोज रहे है तो आप बिलकुल सही जगह आये है
क्यों इस लेख में आप को वह जानकारी प्राप्त होने वाली है जिसका जीकर अन्य किसी वेबसाइट में नहीं किया है इसीलिए इस लेख को शुरवात से अंत तक जरूर पढ़िए और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे
Sacha Dharm konsa Hai | सबसे सच्चा धर्म कौन सा है
सबसे सच्चा धर्म मानवता है और जो हमें अन्य लोगों के प्रति सहानुभूति, समरसता, और सेवा की दिशा में प्रेरित करता है।
मानवता के माध्यम से हम अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बना सकते हैं और इसी मानवता के बारे में सभी धर्म में बताया गया है !
सभी धर्मो में जाती,भेद और रूप अलग है ! परंतु सभी का कहना यही है की मानवता सबसे सच्चा धर्म है ! और मानवता क्यों सच्चा धर्म है इसके बारे में विस्तार में जानकारी हम ने निचे प्रदान की है
वही हिन्दू, जैन, ईसाई, इस्लाम, जैसे धर्मो की इस विषय पर क्या राय है ? और सब से अंत में इन सब में सबसे श्रेष्ठ धर्म कौनसा है के बारे में हम ने आखिर में जानकारी प्रदान की है जिसे आप को जरूर पढ़ना चाहिए
हिन्दू धर्म | Hindu Religion
इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते है, यह धर्म वास्तविक में किसी सिद्धान्तो का समूह नही है
इसे जीवन जीने का मार्ग माना जाता है | हिन्दू धर्म के अनुसार संसार के सभी प्राणियों में आत्मा होती है मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो इस लोक में पाप और पुण्य दोनों कर्मो को भोग सकता है और मोक्ष प्राप्त कर सकता है, हिन्दू धर्म में 4 प्रमुख संप्रदाय है
- वैष्णव : जो विष्णु को परम शक्ती मानते है
- शैव : जो शिव को परमेश्वर मानते है
- शाक्त : जो देवी को परमशक्ती मानते है
- स्मार्त : जो परमेश्वर के विभिन्न रूपों को एक ही समान मानते है
पर आज के समय में कई ज्यादा हिन्दू खुद को किसी संप्रदाय का नही मानते | पहले के समय में इन लोगो की बहुत लड़ाइयां होती थी जिस वजह से संतो ने इन सबको एक ही सम्प्रदाय बना दिया
हिन्दू धर्म के सिद्धांत
जीवन मात्र की सेवा ही परमात्मा की सेवा है |
आत्मा अजर अमर है |
सबसे बड़ा मंत्र गायत्री मंत्र है |
हिंदुत्व एक्तत्व को दर्शाता है |
परोपकार पुण्य है दूसरो को कष्ट देना पाप है |
स्त्री आदरणीय है |
हिन्दुओं का कोई एक पैगम्बर नही है |
ईश्वर से डरना नही होता, ईश्वर तो प्रेम का रूप है ,यह हमें प्रेम की प्रेरणा के लिए है |
ईश्वर एक है तथा उसके नाम अनेक है |
ईश्वर सर्वव्यापी है |
हिन्दुओं का लक्ष्य स्वर्ग – नरक से ऊपर है |
धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार बार जन्म लेते है |
प्रकृती ही श्रिष्टी है |
हिन्दुओं का लक्ष्य परमार्थ है |
आत्मा अजर अमर है |
इस्लामी आस्था | Islamic Faith
इस्लाम में एक ही अल्ला (ईश्वर) को मानते है ! इस्लाम में अल्लाह को अद्रितीय माना गया है यह अल्लाह को समझ से परे तथा बहुत ही बलवान माना गया है
अल्लाह की कल्पना करने की जगह उसकी प्रार्थना करना इस्लामी धर्म है | इस्लाम इनकी धार्मिक किताब कुरान का अनुसरण करते है तथा उसी के मुताबिक इनके धर्म की स्थापना की गयी है
इस्लाम के अनुसार ईश्वर ने धरती पर मनुष्य के मार्गदर्शन के लिए अपने दूतो को भेजते है | इस्लाम देवदूतो को फ़रिश्ते के नाम से जानते है
इस्लाम जन्नत तथा जहन्नुम पे यकीन करते है ,जहा सुख मिले उसे जन्नत कहते है, जहाँ दुःख मिले उसे जहन्नम का नाम दिया जाता है
इस्लाम में अपने धर्म की तौहीन करना सबसे बड़ा पाप है | इस्लाम में तकदीर को माना जाता है, जो मानते है की सब पहले से निर्धारिता है तथा सब किस्मत के हिसाब से ही होगा
इस्लाम के पांच स्तम्भ है
1) शहादा | शहादा शब्द का अर्थ गवाही होता है | इसे इस्लाम में विश्वाश प्रगट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | शहाना पढना या बोलना हर मुस्लिम के लिए ज़रूरी है, इसी से ईमान प्रगट होता है |
2) नमाज़ | नमाज़ एक फ़ारसी शब्द है जिसका अर्थ उर्दू में सलात होता है,सलात का प्रयोग कुरान में बार बार किया है इसलिए इस्लामे धर्म हर स्त्री और पुरुष को नमाज़ पढने को कहता है | इस्लाम धर्म के आरम्भ से ही नमाज़ पढना बहुत ज़रूरी समझा जाता है यह मुसलमानों का सबसे बड़ा कर्तब्य है और इसे नियमपूर्वक तरीके से पढना पुण्य तथा त्याग देना पाप समझा जाता है |
3) रमजान | यह भी फारसी का शब्द है जिसे उर्दू में सौम कहते है | रमजान मास को उर्दू में माह –ए- सियाम भी कहते है | रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है इस महीने में रोज़ा रखा जाता है | रोज़ा उपवास को कहते है
|
4) ज़कात | इसका अर्थ दान देना होता है, इस्लाम में दान देना एक बहुत ही पुण्य का काम होता है, तथा इसे बहुत ही ज़रूरी माना जाता है, हर मुसलमान को अपने ज़कात को मानना ही पड़ता है | इसमें ओनी आमदनी का 5% गरीबों को दान किया जाता है |
5) हज़ | यह इस्लामे तीर्थस्थल है, तथा ये मुसलमानों का पवित्र स्थल है जहा सबसे बड़ा रमवाडा है | यह एक धार्मिक कर्तब्य है जिसे अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पूरा करना हर मुसलमान का कर्तब्य है |
मुसलमान समुदाय इन्ही स्तंभों की रक्षा करके अपने धर्म निभाते है
सिख धर्म | Sikh Religion
सिख धर्म में 10 गुरुओं की मान्यता है। गुरुद्वारा (Gurdwara) सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थल होते हैं जहां सिख समुदाय संगत के साथ आत्मीयता और धार्मिक अध्ययन करता है।
गुरुद्वारा यह शब्द “गुरु का द्वार” से आया है, जिसका मतलब होता है गुरु के आदेशों का स्वागत करना।
गुरु ग्रन्थ साहिब, जिसे अक्सर “गुरु” कहा जाता है, सिख धर्म की प्रमुख किताब है और इसे सिख समुदाय की धार्मिक गाइड और गुरु माना जाता है। यह किताब सिख धर्म के मूल सिद्धांतों, धार्मिक ग्रंथों, और गुरुओं के उपदेशों का संग्रह है।
सिख धर्म के 10 गुरुओं के नाम निम्नलिखित हैं:
1. गुरु नानक देव |
2. गुरु अंगद देव |
3. गुरु अमर दास |
4. गुरु रामदास |
5. गुरु अर्जुन देव |
6. गुरु हरगोबिंद सिंह |
7. गुरु हर राय |
8. गुरु तेग बहादुर |
9. गुरु गोबिंद सिंह |
10. गुरु ग्रन्थ साहिब |
यह सभी गुरु सिख धर्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं है उनके उपदेश समुदाय के लिए मार्गदर्शन का कार्य करते रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे
सिख धर्मो के सिद्धांत
ईश्वर निरंकार है, सभी सिख इश्वर को निरंकार मानते है तथा एक की ही आस्था करते है |
जीव आत्मा |
जीव उस निरंकार इश्वर का रूप है |
सिखों के लिए पाप पुण्य दोनों एक समान है |
सिख धर्म वस्तुपूजा का खंडन करता है |
सिख धर्म अवतारों को नहीं मानता तथा हर मनुष्य को इश्वर का अवतार कहा गया है |
सिख धर्म के अनुसार लिंग, आयु के कारण मनुष्यों में भेद भाव करना सही नही है ,सिख धर्म में सार्वभौमिकता और समानता सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है |
सिख धर्मो में तीन प्राथमिक सिधान्तो से जीना सिखाता है |
हमेशा ध्यान और प्रार्थना में लिप्त रहे |
ईमानदारी का कमाए |
कमाई साँझा करें और निसंदेह दूसरो की सेवा करें |
अहंकार, गौरव, हवस, लालच, गुस्सा, आसक्ति इन पापो से बचे |
चार आज्ञाओं का पालन करे बालों को न काटें, नशे से दूर रहे मांस मत खाए,बुरे विचार न रखे |
ईसाई धर्म | Christianity
ईसाई धर्म एक अध्यात्मिक धर्म है जो “ईसा मसीह” के शिक्षाओं पर आधारित है।
ईसाई धर्म के अनुयायी (शिष्य) ईसा मसीह को परमेश्वर के पुत्र और उद्धारकारी के रूप में मानते हैं। ईसाई धर्म के प्रमुख सिद्धांतों में प्रेम, सहानुभूति, और धर्मनिष्ठा को महत्वपूर्ण भूमिका दी है
बाइबल के बारे में आप ने सुना होगा यह बाइबल ईसाई धर्म की प्रमुख पुस्तक है जिसमें ईसा मसीह के जीवन, उपदेश, और काम का वर्णन है | ईसाई धर्म में प्रार्थना, परमेश्वर के चरणों में सेवा, और धार्मिक समझौता के महत्व को उत्कृष्ट माना जाता है।
ईसाई धर्म में तीन मुख्य तत्व है जैसे : पिता, पुत्र, आत्मा इनके बारे में हम संक्षेप में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे
1) परमपिता परमेश्वर | ईसाई धर्म का यह पहला तत्व है, जो कि परमेश्वर को पिता के रूप में स्वीकार करता है। ईसाई धर्म में परमेश्वर को पिता के रूप में पुकारा जाता है
जो हमारे सभी पिता के रूप में हैं। उनके अनुसार परमेश्वर को पिता के रूप में मानने से मानव जीवन का आधार और मार्ग स्पष्ट होता है
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2) उनके पुत्र ईसा मसीह | ईसाई धर्म का यह दूसरा तत्व है | यह परमात्मा के पुत्र है इनका जन्म पापियों का नाश करने के लिए नहीं बल्कि मानव शरीर के अंदर बैठे पापी का नाश करने के लिए हुआ
इसलिए इन्होने मनुष्य रूप में जन्म लिया, उन्होंने इंसानों के अंदर बसे पाप से मुकाबला किया तथा उसका नाश किया और उसके बदले अपनी जान की कीमत दी
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3) पवित्र आत्मा | पवित्र आत्मा भी परमात्मा का एक स्वरुप है इसके प्रभाव में मनुष्य अपने अंदर ईश्वर का अह्सार करता है | बाइबिल ईसाई धर्म का ग्रन्थ है
मुस्लिम इसे बहुत ही पवित्र मानते है | ईसाई धर्म में ईसा मसीह को माना जाता है, ईसाई के धर्म स्थल को चर्च है
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ईसाई धर्म के सिद्धांत
परमेश्वर एक होने पर विश्वास है |
ईसा मसीह के पवित्र जन्म, जीवन, मृत्यु, और उसके पुनरुत्थान का आश्वासन |
प्रेम और क्षमा के महत्व का प्रमाण होना |
धर्मी और जीवन की महत्वपूर्णता |
लोगों के बीच सामाजिक न्याय, सहानुभूति, और सेवा का महत्व होना |
बाइबिल को पवित्र शास्त्र के रूप में मानना और उसे फॉलो करना |
प्रार्थना को महत्वता प्रदान करना |
ईसाई समुदाय में समाज की उत्तमता और स्वीकृति के लिए प्रयास करना |
सत्य, ईमानदारी, और नैतिकता की महत्वता के साथ जीवन बिताना |
विश्व का सबसे श्रेष्ठ (सर्वश्रेष्ठ)धर्म कौनसा है
भगवत गीता, बाइबिल, कुरान यह सब अलग अलग धर्म की किताबें है
पर इन सब में कोई भी धार्मिक किताब कभी भी किसी अन्धाधुन नियमों या परम्पराओं का पालन करने को नही कहता | सबका सार बस यह है
- धर्म मनुष्य को मनुष्य के साथ, मनुष्य को पूरी श्रिष्टी के साथ सुख से जीने का ज्ञान देता है
धर्म किसी मृत विचार का नाम नही है न ही किसी परंपरा का नाम है, धर्म तो जीवन का नाम है और जीवन निरंतर बदलता रहता है ,परिवर्तन ही जीवन का गुण है और परिवर्तन के लिए मनुष्य को कर्म करना पड़ता है
किसी धर्म के स्थान पर मनुष्य को सदा ही शांती प्राप्त होती है | अर्थात धर्म मनुष्य के सारे संघर्षो का नाश करता है | धर्म आजादी देता है न की बंधन
इसका अर्थ ये है कि धर्म बस जीने का तरीका है जो हमारी आत्मा को खुश रखने का मार्ग है | एक सच्चा धर्म हमें सही का चयन करना सिखाता है
सच हमारी आत्मा का गुण है, एक सच्चा धर्म हमें औरों के प्रती करुना से भर देता है, क्योंकी इसमें हम यह समझ पाते है कि हम सब एक जैसे ही है कोई बुरा नही है हमारे दिल में किसी के लिए नफरत नहीं रह जाती है
हमारा दिल प्रेम से भर जाता है | हम अपने जीवन को अपने हिसाब से जी पाते है, क्योंकि बिना द्वेष के, बिना अन्धाधुन नियमों का पालन किये हमें आज़ादी महसूस होती है | धर्म अपनी आत्मा की सुन पाना, अपने आत्मा को संन्तुष्ट कर पाना है
आत्मा को संतुष्टी सही के साथ मिलती है “क्या आप जानते है की जबतक इस पूरे संसार में सब लोग खुश न हो किसी एक की खुशी पूरी तरह से सम्पूर्ण नही हो सकती “ इसका अर्थ हम सब एक दुसरे से आत्मा से जुड़े है
इसी जुडाव को हम मानवता का नाम देते है | मानवता इंसान का इंसान के प्रती, इंसान का जीवो के प्रती प्रेम है | यही मानवता असली धर्म है | हमारे धर्म ग्रंथों में भी इसका ज़िक्र है
ज़रूरी नही की हर इंसान किसी न किसी भगवान् को माने ही या हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बने पर उसके जीवन को पूर्ण तरह से जीने के लिए मानवता को आगे बढ़ाना ही होता है
बिना मानवता के मानव मानव नही रह सकता तो इस मानवता के धर्म के बिना कोई कैसे परिपूर्ण है
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई इन धर्मो का जन्म कैसे हुआ
नया धर्म तो बस इस धर्म को बचाने के लिए बनाए गए थे पर समय के चलते चलते अन्य धर्म नियमों परमारों से उलझते गए और आज के समय में उन धर्मों ने एक अजीब सा रूप ले लिया है जो असली धर्म से काफी अलग है जिस करके लोग उलझनों में पड़ जा रहे है
हिन्दू,मुस्लिम सिख ईसाई किसी भी धर्म को ले लीजिये, हर धर्म की स्थापना इसी इच्छा से हुई थी की हर इंसान सच का मार्ग अपना सके !
आत्मिक शांती का भागीदार बने, ऐसा कोई काम ना करे जिससे उसकी आत्मा को तकलीफ हो और वो हताशा से घिर जाये ,दूसरो से प्रेम करके यह जान पाए की प्रेम आत्मा का स्वभाव है
पर समय के साथ लोगो ने अपनी अपनी मनोस्थिती के साथ धर्म की अपनी अपनी परिभाषा दी और लोगो ने उनका पालन भी किया कभी सच समझ के कभी नियम समझ के कभी परंपरा समझ के
पर सच्चा धर्म कभी परम्पराओं से नही बंधता वह तो आजादी का नाम है जीवन जीने का नाम है | जो हमें किसी चीज़ से बांधे वह धर्म नही
हम आशा करते है कि अब आपको धर्म क्यों है? और क्या है ? इन दो सवालों से कोई उलझन नही होगी |
अलग अलग जगह पर रहने वाले लोगो ने मानवता को बचाने के लिए तथा अपने विश्वाशो के आधार पर अपने ईश्रवर की आस्था के सहारे नए नए सिधांत बनाए |
सच्चे धर्म की स्थापना कैसे हुई
सच्चा धर्म इंसान को इंसान से जोड़ता है इसे हम मानवता का धर्म भी कहते है | इसकी स्थापना हमारे ह्रदय से हुई है | हर इंसान का मूल स्वरूप इस सच्चे धर्म के अनुसार है
हमारी आत्मा का स्वभाव ही इस सच्चे धर्म का मूल है | कभी सोचा है की कुछ अच्छा करके अंदर से ख़ुशी क्यों होती है ? तथा बुरा करके अंदर से दुःख क्यों होता है
जब हम अपनी आत्मा के अनुसार कर्म करते है तो वह हमें अंदर से ख़ुशी देता है और जब कुछ हम अपने आत्मा के खिलाफ करते है तो वह हमें अंदर से दुःख देता है
आत्मा शरीर से अलग है, आत्मा शरीर नही है, न ही चेतना है | आत्मा उस परमात्मा का हिस्सा है जिसने श्रिष्टी बनाई है
अभी तक आत्मा का कोई सार्थक प्रमाण नही मिल पाया है | जैसे भगवान् का कोई प्रमाण नही है | पर यह हम सब जानते है कि बिना आत्मा के शरीर कुछ नही वैसे ही बिना इश्वर के श्रिष्टी नही है
और अंत में हम जान चुके है ” सबसे सच्चा धर्म की स्थापना मानवता के अधिकारों, समानता के लिए संघर्ष, और सामाजिक न्याय की मांग के माध्यम से हुई।
वही सच्चे धर्म की स्थापना मानवता, नैतिकता, समरसता, और सहानुभूति के मूल्यों पर आधारित है। यह धार्मिक और आध्यात्मिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करता है और समाज को संगठित रूप में एकत्रित करता है
FAQ :
सवाल : सबसे सच्चा धर्म कौन सा है
मानवता का धर्म सबसे सच्चा और अच्छा धर्म है
सवाल : दुनिया का सबसे ज्यादा प्रसिद्द धर्म कौन सा है
ईसाई धर्म सबसे ज्यादा प्रख्यात है
सवाल : धर्म कितने प्रकार के है
धर्म 6 प्रकार के है “हिन्दू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन
सवाल : धर्म क्यों है
धर्म की स्थापना किसी बंधन के लिए नही हुई थी बल्कि धर्म जीने का एक तरीका है
सवाल : देश में विभिन्न धर्मों को मानने वालों की संख्या कितनी है
हिन्दू 78.8%, इस्लाम 15.23%, बौद्ध 0.70%,सिख 1.72 %, ईसाई 2.3 %
सवाल : सबसे पुराना धर्म कौनसा है
सबसे पुराना धर्म हिन्दू धर्म है। यह लगभग ४००० ईसा पूर्व से विकसित हुआ था और भारतीय सभ्यता का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चूका है
Conclusion
आज हम ने सबसे सच्चा धर्म कौन सा है बारें में जाना ! और समझा सभी धर्म अपने जगह एक समान है और सभी धर्मो के अनुसार “मानवता” Dunia का सब से सच्चा और अच्छा धर्म है !
जभी भी किसी इंसान का जन्म होता है तब उसके लिए कोई धर्म नहीं होता है बल्कि जन्म होने के बाद उसे किसी एक धर्म में जाना पड़ता है ! परंतु यदि कोई धर्म ही नहीं होता तो इंसान के पास मात्र एक धर्म होता जो की ” मानवता और इंसानियत !
और हमे भी इन्ही धर्म को सब से सर्वश्रेष्ठ मानना चाहिए और मानवता को बढ़ावा देना चाहिए ! हम उम्मीद करते है हमारे इस लेख के माध्यम से आप को Sacha dharm konsa hai यह पता चल चूका होगा !
परंतु अभी भी आप के मन में धर्म को लेकर कोई भी सवाल होंगे तो आप बेशक निचे कमेंट में पूछ सकते है जिसका जवाब देने की हम पूरी कोशिश करेंगे | इस लेख को शुरवात से अंत तक पढ़ने के लिए आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया !